Thursday, Aug 21, 2025

उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: प्रक्रिया, तारीख और संभावित दावेदारों की पूरी जानकारी


भारत का उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है। यह पद केवल नाम का नहीं, बल्कि संसद की कार्यवाही और शासन प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वर्तमान में यह पद खाली हो गया है और इसकी भरपाई के लिए चुनाव आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीख 9 सितंबर 2025 घोषित की है।

पद खाली कैसे हुआ?

अब तक देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ थे, लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत और स्वास्थ्य कारणों से 21 जुलाई 2025 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के बाद संविधान के अनुसार 6 महीने के अंदर नया चुनाव कराना आवश्यक होता है, जिसे ध्यान में रखते हुए यह चुनाव निर्धारित किया गया है।

उपराष्ट्रपति कैसे चुना जाता है?

उपराष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल के माध्यम से होता है, जिसमें केवल संसद के दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा – के निर्वाचित और नामांकित सदस्य मतदान करते हैं।

  • यह चुनाव गुप्त बैलेट से होता है।

  • मतदान की प्रक्रिया में एकल हस्तांतरणीय मत प्रणाली (Single Transferable Vote) का उपयोग होता है।

  • हर सांसद को अपनी वरीयता के अनुसार प्रत्याशियों को क्रम देना होता है।

राज्य विधानसभा के सदस्य इस प्रक्रिया में शामिल नहीं होते।

निर्वाचक मंडल और मतों की गणना

2025 में अनुमानित रूप से 788 सांसद उपराष्ट्रपति चुनाव में भाग लेंगे। किसी उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए 394 से अधिक प्रथम वरीयता मतों की आवश्यकता होगी।
इस बार एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के पास पर्याप्त बहुमत है, जिससे उनके प्रत्याशी के विजयी होने की संभावना प्रबल मानी जा रही है।

चुनाव की समय-सीमा

  • अधिसूचना जारी होने की तिथि: 7 अगस्त 2025

  • नामांकन की अंतिम तिथि: 21 अगस्त 2025

  • नामांकन पत्रों की जांच: 22 अगस्त 2025

  • नाम वापसी की अंतिम तिथि: 25 अगस्त 2025

  • मतदान की तिथि: 9 सितंबर 2025

  • मतगणना और परिणाम: 9 सितंबर की रात

संभावित दावेदार कौन हो सकते हैं?

राजनीतिक गलियारों में जिन नामों की चर्चा है, उनमें राजस्थान और केंद्र से जुड़ी कई बड़ी हस्तियां शामिल हैं:

  1. गुलाबचंद कटारिया – वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यपाल

  2. घनश्याम तिवारी – वर्तमान में राज्यसभा सांसद

  3. वसुंधरा राजे – पूर्व मुख्यमंत्री, राजस्थान

  4. ओम माथुर – वरिष्ठ भाजपा नेता और संघ पृष्ठभूमि से जुड़े

इन नेताओं में से किसी एक को एनडीए अपना उम्मीदवार घोषित कर सकता है। कांग्रेस और विपक्षी दल भी अपने उम्मीदवार की घोषणा जल्द ही कर सकते हैं।

यह चुनाव क्यों है महत्वपूर्ण?

  • यह चुनाव एक खाली पद को भरने के लिए हो रहा है, जो अचानक रिक्त हुआ।

  • उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं, इसलिए उनका चयन कार्यपालिका और विधायिका दोनों में अहम भूमिका निभाता है।

  • चुनाव की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और संविधान के अनुरूप हो रही है।

संविधान में उपराष्ट्रपति की भूमिका

  • राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्य करते हैं।

  • राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में कार्यवाहक राष्ट्रपति की भूमिका निभाते हैं।

  • संसद की कार्यवाही को सुचारु रूप से चलाने में उनकी भूमिका निर्णायक होती है।

भविष्य की संभावनाएं

यदि एनडीए उम्मीदवार निर्वाचित होते हैं, तो यह गठबंधन की राजनीतिक पकड़ को और मजबूत करेगा। वहीं विपक्ष भी इस बार एक सशक्त प्रत्याशी को सामने लाकर मुकाबले को रोचक बनाने की तैयारी कर रहा है।

author

Parth Kumar

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