- by Parth Kumar
- Aug, 02, 2025 11:28
देश के प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों में गिने जाने वाले AIIMS भोपाल में प्रशासनिक स्तर पर एक बड़ा बदलाव सामने आया है। IPS अधिकारी संदेश कुमार जैन को डिप्टी डायरेक्टर (प्रशासन) के रूप में नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति अगले तीन वर्षों के कार्यकाल के लिए की गई है।
AIIMS भोपाल के प्रशासन में यह पहली बार है जब किसी भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी को इस पद पर नियुक्त किया गया है। यह कदम अस्पताल की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने की दिशा में बड़ा परिवर्तन माना जा रहा है। बीते समय में संस्थान में उपकरणों की खरीद, नियुक्तियों और प्रशासनिक निर्णयों को लेकर कई सवाल उठते रहे हैं। ऐसे में एक वरिष्ठ और निष्पक्ष अधिकारी की नियुक्ति को सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
संदेश कुमार जैन एक अनुभवी और ईमानदार IPS अधिकारी माने जाते हैं। वे विभिन्न प्रशासनिक पदों पर काम कर चुके हैं और उनका अनुभव उन्हें AIIMS जैसे संस्थान के लिए उपयुक्त बनाता है। उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी अभियानों, प्रशासनिक सुधारों और जनहित से जुड़ी पहल में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।
AIIMS में डिप्टी डायरेक्टर (प्रशासन) का पद अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस पद की जिम्मेदारियों में अस्पताल की आंतरिक नीतियाँ, मानव संसाधन प्रबंधन, बजट और फंड आवंटन, उपकरणों की खरीद प्रक्रिया, और दैनिक प्रशासनिक गतिविधियाँ शामिल होती हैं। साथ ही, यह अधिकारी अस्पताल प्रबंधन के बीच एक मजबूत समन्वय स्थापित करता है।
पिछले कुछ समय में AIIMS भोपाल को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है:
महंगे मेडिकल उपकरणों की संदिग्ध खरीद
स्टाफ की नियुक्तियों में पारदर्शिता की कमी
आंतरिक प्रक्रियाओं में सुस्ती और जटिलता
इन समस्याओं के चलते आम जनता और स्वास्थ्य जगत में संस्थान की छवि पर असर पड़ा। संदेश कुमार जैन की नियुक्ति से यह अपेक्षा की जा रही है कि इन मुद्दों पर सख्ती से कार्रवाई होगी और सुधार की प्रक्रिया तेज होगी।
स्वास्थ्य प्रशासन से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति संस्थान में अनुशासन और निगरानी को बढ़ावा देगी। साथ ही, इसका असर मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं की गुणवत्ता पर भी पड़ेगा।
संदेश कुमार जैन की नियुक्ति केवल एक औपचारिक प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि एक नीति परिवर्तन का संकेत है। इससे अस्पताल के ढाँचे में परिवर्तन, जवाबदेही की संस्कृति और भ्रष्टाचार-मुक्त माहौल की शुरुआत की उम्मीद की जा रही है। आने वाले समय में यदि यह पहल सफल होती है, तो अन्य AIIMS संस्थानों में भी इसी तरह की नियुक्तियाँ देखने को मिल सकती हैं।