भारत की आध्यात्मिक भूमि ने अनगिनत संत, देव और तीर्थस्थलों को जन्म दिया है, लेकिन Khatu Shyam Ji का स्थान अद्वितीय है।
राजस्थान के सीकर जिले का छोटा सा खाटू गाँव आज भक्ति का विशाल महासागर बन चुका है — जहाँ हर दिन हजारों की संख्या में भक्त आते हैं और 'हारे का सहारा श्याम हमारा' के जयकारों से वातावरण को पवित्र कर देते हैं।
यह सिर्फ दर्शन नहीं,
यह अपने आप से मिलना है।
यह विश्वास, surrender और प्रेम की यात्रा है।
Khatu Shyam Ji का वास्तविक नाम बार्बरीक था —
वे गटोत्कच के पुत्र और भीम के पौत्र थे।
बचपन से ही वे अतुलनीय पराक्रमी थे और उनके पास थे तीन दिव्य बाण —
जिनसे वे किसी भी युद्ध का परिणाम अकेले तय कर सकते थे।
महाभारत युद्ध में वे निष्पक्ष पक्ष में रहना चाहते थे।
यह सुनकर भगवान श्रीकृष्ण ने उनसे पूछा —
"तुम किसका पक्ष लोगे?"
बार्बरीक ने उत्तर दिया —
"जहाँ हार होती दिखेगी, मैं उसी पक्ष की मदद करूँगा।"
यह सुनकर कृष्ण समझ गए कि यदि वे युद्ध में उतर गए तो पांडव हार जाएंगे।
यही धर्म संतुलन के लिए कृष्ण ने उनसे शीश दान माँगा।
और बिना क्षण भर सोचे —
बार्बरीक ने अपना शीश समर्पित कर दिया।
यही वह क्षण था जब कृष्ण ने उन्हें आशीर्वाद दिया:
“कलियुग में तुम्हारी पूजा श्याम नाम से होगी।
जो भी तुम्हें सच्चे मन से पुकारेगा, उसका दुख दूर होगा।”
उनका शीश खाटू में स्थापित किया गया —
यही आज का दिव्य और भव्य Khatu Shyam Ji मंदिर है।
मंदिर संगमरमर से बना हुआ है।
दीवारों की नक्काशी, मुख्य द्वार की भव्यता, और अंदर की भक्ति-रागिनी
मन को एक पल में सांसारिक चिंताओं से मुक्त कर देती है।
यहाँ कोई बड़ा नियम नहीं —
बस सच्चा मन चाहिए,
और श्याम बाबा स्वयं आपको महसूस होते हैं।
कई श्रद्धालु बताते हैं:
“यहाँ आकर लगता है कि दिल का भार हल्का हो गया।
जैसे किसी ने भीतर की पीड़ा चुपचाप हर ली हो।”
हर वर्ष फाल्गुन में खाटूधाम ऐसा लगता है जैसे आकाश धरती पर उतर आया हो।
भक्त नंगे पैर यात्रा करते हैं, निशान लेकर आते हैं,
शाम होते ही भजन-कीर्तन गूंजने लगता है।
यह मेला सिर्फ आयोजन नहीं,
यह भक्ति की धड़कन है।
क्योंकि:
जब इंसान के हाथों से समाधान छूट जाते हैं
जब मन में थकान आ जाती है
जब दुनिया पीठ फेर लेती है
तब श्याम बाबा कहते हैं:
"तुम चलो — मैं संभालता हूँ।"
भक्ति यहाँ लेन-देन नहीं,
समर्पण है।
खाटू गाँव, सीकर जिला, राजस्थान में स्थित है।
जयपुर से दूरी लगभग 80 किमी है।
निकटतम रेल स्टेशन रींगस है।
देशभर से बस / टैक्सी सुविधा उपलब्ध है।
यह यात्रा थकावट नहीं देती,
यह मन को नया जीवन देती है।
Khatu Shyam Ji मंदिर का अनुभव शब्दों में नहीं,
दिल में उतरता है।
यह मंदिर बताता है:
शक्तिशाली होना महत्वपूर्ण नहीं,
नम्र होना महत्वपूर्ण है।
ज्ञान होना अच्छा है,
लेकिन समर्पण अधिक सुंदर है।
और इसी में जीवन का सत्य छिपा है।
जय श्री श्याम।
हारे का सहारा श्याम हमारा।