- by Parth Kumar
- Aug, 01, 2025 08:05
धड़क की सफलता के बाद अब आई है धड़क 2 – लेकिन इस बार नई कहानी, नया कास्ट और एक गंभीर सामाजिक विषय के साथ। इस फिल्म का निर्देशन किया है शाज़िया इक़बाल ने और मुख्य भूमिकाओं में हैं सिद्धांत चतुर्वेदी और तृप्ति डिमरी।
फिल्म की कहानी नीलेश नाम के दलित लॉ स्टूडेंट और विधि नाम की ऊँची जाति की लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है। दोनों एक यूनिवर्सिटी में मिलते हैं और प्रेम में पड़ जाते हैं। लेकिन समाज और परिवार की बंदिशें उनके रिश्ते के रास्ते में दीवार बन जाती हैं।
फिल्म यह दिखाती है कि आज के समय में भी जाति एक सच्चाई है जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। यह केवल एक प्रेम कहानी नहीं है, बल्कि समाज में मौजूद असमानताओं के खिलाफ एक आवाज़ भी है।
सिद्धांत चतुर्वेदी का अभिनय दमदार और सच्चा लगता है। उन्होंने नीलेश के किरदार को पूरी ईमानदारी से निभाया है।
तृप्ति डिमरी ने विधि के रूप में अपने किरदार को बहुत संजीदगी और संवेदना के साथ प्रस्तुत किया है।
दोनों की जोड़ी फिल्म में एकदम नैचुरल लगती है और उनकी केमिस्ट्री स्क्रीन पर दिल को छू जाती है।
शाज़िया इक़बाल का निर्देशन बहुत ही संवेदनशील है। फिल्म कहीं भी उपदेशात्मक नहीं लगती। हर सीन की एक गहराई है और डायलॉग्स वास्तविक ज़िंदगी जैसे लगते हैं। कहानी को बारीकी से बुना गया है।
फिल्म का संगीत भावनात्मक और कहानी के अनुसार है। कोई फालतू या गैरज़रूरी गाना नहीं है। बैकग्राउंड म्यूजिक इमोशनल सीन्स में गहराई जोड़ता है, खासकर दूसरे भाग में।
पारंपरिक बॉलीवुड लव स्टोरी से अलग है।
जातिगत भेदभाव फिल्म की मुख्य थीम है।
कोई बनावटी ड्रामा नहीं, सब कुछ वास्तविक और ग्राउंडेड है।
युवा पीढ़ी के मुद्दों को केंद्र में रखकर बनाई गई है।
फिल्म को सोशल मीडिया पर काफी सराहना मिल रही है। युवा दर्शक इसे "बोल्ड", "दिल से जुड़ी" और "सोच बदलने वाली" फिल्म बता रहे हैं।
ओपनिंग डे कलेक्शन लगभग ₹2.5 करोड़ से ₹3 करोड़ के बीच रहा।
सकारात्मक वर्ड ऑफ माउथ की वजह से फिल्म की कमाई बढ़ सकती है।
शहरी और युवा दर्शकों में फिल्म को लेकर अच्छा रिस्पॉन्स है।
बिलकुल हां।
अगर आप एक सच्ची और भावनात्मक कहानी देखना चाहते हैं,
अगर आप सिनेमा में सामाजिक सच्चाई की झलक देखना चाहते हैं,
अगर आप मानते हैं कि प्रेम किसी भी जाति का मोहताज नहीं होता —
तो धड़क 2 आपके लिए ज़रूर देखने लायक फिल्म है।